महाकुंभ हिंदू धर्म में सबसे सम्मानित और महत्वपूर्ण तीर्थ यात्राओं में से एक है, जो हर 12 वर्षों में प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी संगम पर आयोजित होती है। यह पवित्र आयोजन दुनिया भर से लाखों भक्तों को गंगा, यमुना और काल्पनिक सरस्वती नदियों के संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए एकत्र करता है। इन नदियों के जल को आत्मा को शुद्ध करने, पापों को धोने और मुक्ति प्रदान करने वाला माना जाता है। प्राचीन परंपराओं और आध्यात्मिक ज्ञान में डूबा हुआ, महाकुंभ केवल आस्था की यात्रा नहीं है बल्कि भक्ति, एकता और ब्रह्मांड के साथ दिव्य संबंध का उत्सव भी है।
की उम्मीद
ज्योतिषीय रूप से महत्वपूर्ण दिनों पर
दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं का समागम
(प्रथम शाही स्नान) 14 जनवरी 2025
(प्रथम शाही स्नान) 12 फरवरी 2025
(मुख्य स्नान दिवस) 29 जनवरी 2025
(समापन अनुष्ठान) 26 फरवरी 2025
मुख्य वस्तुएं, जैसे गेहूं का आटा, चावल और चीनी, मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में स्थापित उचित मूल्य की दुकानों के नेटवर्क के माध्यम से वितरित की जाएंगी।
आगामी कुंभ मेले के लिए, 5 मेला गोदाम और 160 उचित मूल्य की दुकानें इन आपूर्तियों को तीर्थयात्रियों तक भंडारण और वितरण के लिए योजनाबद्ध की गई हैं।